केजरीवाल 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में, सुनीता केजरीवाल होंगी मुख्यमंत्री !

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
22 मार्च 2024

ईडी की ओर से गिरफतार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल जाने की स्थिति में इस्तीफा देने का मन बनाया है. जबकि उनके समर्थक मंत्री—विधायकों ने यह सलाह दी है कि उनकी पत्नी और पूर्व आईआरएस अधिकारी सुनीता केजरीवाल को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाया जाए.

पीएमएलए अदालत ने देर शाम ईडी और केजरीवाल के वकीलोंं की सुनवाई के बाद अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ED की हिरासत में भेज दिया. अरविंद केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील पेश की. उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है. चुनाव से पहले एक राष्ट्रीय दल के सबसे प्रमुख नेता को गिरफतार कर उनको चुनाव से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है. यही नहीं, जो सरकारी गवाह बन गए हैं. उनके बयान और आरोप पर यह पूरा मामला बनाया गया है. जो कानूनी रूप से भी गलत है.

शुक्रवार को सुबह से ही अरविंद केजरीवाल और ईडी की अगली कार्यवाही को लेेकर हलचल शुरू हो गई. आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पार्टी मुख्यालय और ईडी मुख्यालय पहुंचने लगे. इसे देखते हुए पुलिस ने आम आदमी पार्टी के मुख्यालय राउज एवेन्यू और उसके नजदीक आईटीओ पर पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दिया. पुलिस ने बैरिकेड कर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को वहां पहुंचने से रोकना शुरू कर दिया. पुलिस ने आईटीओ मेट्रो स्टेशन को भी शाम तक के लिए बंद कर दिया. पार्टी कार्यालय पहुंचे दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्धाज को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनको बाहरी दिल्ली के किसी थने ले जाकर वहां पर शाम तक रखा गया. इसी तरह से ईडी कार्यालय के बाहर भी पुलिस ने बैरिकेड लगाकर पुलिस सुरक्षा बढ़सा दी. दूसरी ओर, केजरीवाल की कानूनी टीम ने पहले सुप्रीम कोर्ट में उनको रिहा करने के अनुरोध वाली याचिका दाखिल की. लेकिन उसके बाद यह याचिका वापस ले ली गई. यह कहा जा रहा है कि केजरीवाल की टीम को यह आशंका थी कि जिस तीन न्यायाधीशों की बेंच में यह मामला गया है. वहां से उनको जेल भेजा जा सकता है.जिसकी वजह से उन्होंने याचिका वापस ले ली. आम आदमी पार्टी ने कहा कि केजरीवाल के वकील पीएमएलए अदालत में ही बहस करेंगे. जहां उनकी रिमांड के लिए ईडी उनको पेश करेगी.

पीएमएलए , प्रिवेंशन आफॅ मनी लॉड्रिंग एक्ट, अदालत में ईडी ने दोपहर बाद अरविंद केजरीवाल को पेश किया. जहां पर ईडी ने उनकी दस दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि वह दिल्ली शराब घोटाला के किंगपिन या सरगना है. उनकी ओर से कई इलेक्ट्रानिक दस्तावेज व सबूत मिटाए गए. यह स्पष्ट रूप से आरोप है कि शराब कारोबारी ने अरविंद केजरीवाल को 100 करोड़ रूपये दिये हैं. इसका उपयोग गोवा चुनाव में किया गया. इसके जवाब में केजरीवाल के वकीलों ने कहा कि ईडी उस व्यक्ति के बयान को आधार बना रही है. जो उसकी गिरफत में है. जो सरकारी गवाह बन चुका है. इस मामले के अस्सी प्रतिशत लोगों ने कहा है कि केजरीवाल का नाम या भूमिका कहीं नहीं थी. यह एक पार्टी के टॉप लीडर को गिरफतार कर उसे चुनावी प्रक्रिया से दूर करने का सीधा प्रयास है. ऐसे में केजरीवाल को तुरंत रिहा करने के आदेश दिये जाएं.

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