गुरूद्धारा शीशगंज पर श्रद्धाुलओं के चालान का मामला जल्द हल करने का पुलिस का वादा
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
6 अक्टूबर 2023
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में माथा टेकने वाले श्रद्धालुओं के 20-20 हज़ार रुपये के चालान काटे जाने के मामले का गंभीर नोटिस लेते हुए कमेटी के सचिव सरदार जसमेन सिंह नोनी व गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के अध्यक्ष सरदार अमरजीत सिंह पिंकी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम का गठन किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले को जल्द हल किया जाना चाहिए.
यह बताया जा रहा है कि इस टीम द्वारा पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त व पीडब्ल्यू अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की गई. मीटिंग के बाद जानकारी साझा करते हुए जसमेन सिंह नोनी व अमरजीत सिंह पिंकी ने बैठक के बाद बातचीत का विवरण बताते हुए कहा कि पुलिस व पीडब्ल्यूडी दोनों विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि गुरुद्वारा शीशगंज साहिब एक पवित्र स्थल है. जहां पर संगत गुरु तेग बहादुर जी को शीश झुका कर नमन करती है व गुरु साहिब का आर्शीवाद प्राप्त करती है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने 1 से 2 दिनों के भीतर इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए आश्वासन दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों को 20-20 हज़ार रुपये के चालान मिले हैं. उनके समाधान के लिए भी दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी काम कर रही है. उन्होंने ऐसे सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि वह गुरुद्वारा सीसगंज साहिब में मैनेजर से मुलाकात कर अपने चालान की कॉपियां सौंपे तथा उन्हें चालान भरने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.
]]>दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी दिल्ली की संगत का जत्था गुरुद्वारा करतारपुर साहिब दर्शन के लिए पहुंचा
दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
2 अक्टूबर 2023
दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों के नेतृत्व में एक बड़ा जत्था करतारपुर साहिब रास्ते के द्वारा गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब श्री करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान को रवाना हुआ. सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि पिछली दिनों हम गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए गए थे. उस समय पर वहां के प्रबंधकों और हैड ग्रंथी साहब ने दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के साथ यह गिला सांझा किया था कि सिक्ख जहां भी बसता है. वह 1947 के बाद के जो गुरधांम पाकिस्तान में रह गए थे. उनके खुले दर्शन दीदारे की अरदासें करता था परन्तु यदि दोनों देशों की सरकारों की मेहरबानी सदका यह रास्ता खुला है तो जितनी हमें आशा थी कि सिक्ख हजारों की संख्या में यहां करतारपुर साहिब के दर्शनों को आया करेंगे. लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा कि यहां रोजाना की 100 से 150 सिक्ख बड़ी मुशकिल से दर्शनों के लिए आते हैं.
उन्होंने कहा कि इस गिले को दूर करने के लिए हम अपना बनता फर्ज अदा करने दिल्ली से संगत का एक बड़ा जत्था गणेेश नगर और ओल्ड महावीर नगर दिल्ली से लेकर डेरा बाबा नानक कोरीडोर पहुँचे हैं और एक नई पहल की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि यह जत्था श्री करतारपुर साहिब को डेरा बाबा नानक कोरीडोर से रवाना हुआ है. जो दर्शन के बाद वापिस लौटेगा. उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब वाला कोरीडोर दोनों तरफ एक दिन में 20 हजार श्रद्धालुओं निकालने की सामर्थ्य रखता है. लेकिन अफसोस के साथ वहां 100 – 200 से अधिक श्रद्धालु भी नहीं पहुँचते. उन्होंने शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों, दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों, तख्त हजूर साहिब और तख्त पटना साहिब के बोर्ड के आधिकारियों और भारत में जितने भी गुरुद्वारा साहिब के प्रधान और प्रशास्निक कमेटिया हैं. उन सभी को नम्रता भरी अपील की है कि वह अपनी सामर्थ्य अनुसार जत्थे लेकर करतारपुर साहिब के खुले दर्शन करने के लिए जरूर जाएं. जिससे पाकिस्तानी और भारतीय आधिकारियों का यह गिला दूर किया जा सके कि जो सीमित श्रद्धालु आ रहे थे. वह अब खुले बड़ी संख्या में आने लग गए हैं.
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