Modi government – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com Delhi Ki Awaaz Thu, 28 Sep 2023 11:30:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://i0.wp.com/www.delhiaajkal.com/wp-content/uploads/2022/11/Black-minimalist-michael-vescera-logo.png?fit=32%2C32&ssl=1 Modi government – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com 32 32 212602069 Unemployment is a big problem in India, even educated people are looking for jobs with degrees – Congress https://www.delhiaajkal.com/unemployment-is-a-big-problem-in-india-even-educated-people-are-looking-for-jobs-with-degrees-congress/ https://www.delhiaajkal.com/unemployment-is-a-big-problem-in-india-even-educated-people-are-looking-for-jobs-with-degrees-congress/#respond Thu, 28 Sep 2023 11:09:24 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=2702

भारत में बेरोजगारी बड़ी समस्या, पढ़े-लिखे लोग भी डिग्री लेकर कर रहे नौकरी की तलाश – कांग्रेस

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
28 सितंबर, 2023

कांग्रेस ने कहा है कि भारत में बेरोज़गारी एक गंभीर समस्या बनी हुई है. छिपी बेरोज़गारी की स्थिति भी चिंताजनक है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पर अपनी बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने देखा कि बड़ी संख्या में शिक्षित युवा, जिनमें इंजीनियरिंग डिग्री वाले भी शामिल हैं, औपचारिक रोज़गार पाने में असमर्थ हैं. वे मजबूरी में कुली जैसा अनिश्चित और अनौपचारिक रोज़गार कर रहे हैं.
औपचारिक क्षेत्र में पर्याप्त रोज़गार उपलब्ध कराने में मोदी सरकार की घोर विफलता के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 2021-22 के आंकड़ों से पता चलता है कि औपचारिक क्षेत्र में रोज़गार 2019-20 की तुलना में 5.3% कम हैं. इसके अलावा 2019-20 से 2021-22 तक औपचारिक क्षेत्र में रोज़गार देने वालों की संख्या में भी 10.5% की भारी गिरावट आई है.

कांग्रेस के मुताबिक अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में 25 साल से कम उम्र के 42% ग्रेजुएट बेरोज़गार थे. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, 2016-17 और मार्च 2023 के बीच मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की नौकरियों में 31% की गिरावट आई है.

जनवरी-मार्च 2023 के नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में भी 50% से कम श्रमिक वेतनभोगी हैं. नवीनतम अखिल भारतीय PLFS डेटा — जिसमें कि ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है — बहुत चिंताजनक है. इसके मुताबिक 2021-22 में केवल 21% श्रमिकों के पास ही औपचारिक नौकरियां थी. जो अभी भी 23% की महामारी-पूर्व अवधि से कम है. इसके बजाय, स्व-रोज़गार और अनौपचारिक रोज़गार में वृद्धि हुई है.

कांग्रेस ने कहा है कि ये आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार की विनाशकारी आर्थिक नीतियों और बिना किसी प्लानिंग के किए गए लॉकडाउन ने वास्तव में शिक्षित युवाओं के लिए औपचारिक रोज़गार के अवसरों को कम कर दिया है.

इसके बाद हमें निम्न स्थितियां भी देखने को मिलती हैं: जनवरी 2023 में, 8,000 उम्मीदवारों ने गुजरात विश्वविद्यालय में क्लर्क के 92 पदों के लिए आवेदन किया. इनमें एमएससी और एमटेक वाले भी शामिल थे. जून 2023 में महाराष्ट्र में क्लर्क के 4,600 पदों के लिए 10.5 लाख लोगों ने आवेदन किया. इनमें एमबीए, इंजीनियर और पीएचडी होल्डर्स भी शामिल थे. आर्थिक संकट के कारण निजी क्षेत्र में नौकरियां कम हो रही हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को बहुत कम संख्या में मौजूद सरकारी पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने को मजबूर होना पड़ रहा है.

​मोदी सरकार में सार्वजनिक क्षेत्र के सिकुड़ने के कारण यह स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. अगस्त 2022 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 9.8 लाख पद खाली थे. CMIE के डेटा से पता चलता है कि 2015-16 और 2022-23 के बीच सरकारी नौकरियों में 20% की कमी आई है. भारत में अब प्रति 1000 जनसंख्या पर सार्वजनिक कर्मचारियों की संख्या सबसे कम है. यह संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और यहां तक ​​कि चीन से भी कम है.

मोदी सरकार रोज़गार संकट से निपटने के बजाय आंकड़ों को छिपाने, तोड़-मरोड़ कर पेश करने और तरह-तरह की नौटंकी करने में व्यस्त है. EPFO डेटा से सामने आ रहे स्थिर वार्षिक अनुमानों पर भरोसा करने के बजाय वे गैर भरोसेमंद मासिक डेटा का प्रचार-प्रसार करने में लगे हैं. वे जानबूझकर इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं कि मासिक डेटा को कई बार 50% से भी अधिक तक संशोधित किया जाता है. इसमें बड़ी खामियां होती हैं. सरकारी नौकरी देने में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए प्रधान मंत्री व्यक्तिगत रूप से रोज़गार मेलों का आयोजन कर रहे हैं. इन मेलों ने नियमित सरकारी कामकाज का पूरी तरह से मजाक बना दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र में लगभग 10 लाख रिक्तियों के बावजूद, मोदी सरकार पहले से ही स्वीकृत पदों के लिए 50,000 जॉब लेटर को इस तरह पेश करती है. जैसे कोई बड़ा काम कर दिया हो‌. यह हास्यास्पद है कि वे इसी आधार पर दावा करते हैं कि रोज़गार पैदा कर रहे हैं.

इसके अलावा द टेलीग्राफ के RTI डेटा से पता चलता है कि रोज़गार मेलों में सभी जॉब लेटर्स को “नई भर्तियों” के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. लेकिन इनमें एक बड़ी संख्या वास्तव में सिर्फ पदोन्नति है.

सबसे निराशाजनक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) की अप्रैल 2023 की रिपोर्ट का एक आंकड़ा है. भारत के कुल 33% युवाओं के पास न तो नौकरी है, न ही वे शैक्षिक या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ले रहे हैं. महिलाओं के मामले में यह संख्या 50% से अधिक है. मोदी सरकार ने भारत के युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को इस हद तक कुचल दिया है कि उनके पास नौकरी तो नहीं ही है. उन्होंने भविष्य में भी इसकी उम्मीद छोड़ दी है. वे इस हद तक हताश हैं कि शिक्षा या प्रशिक्षण में निवेश करना ही नहीं चाहते. इसका दुखद परिणाम यह है कि युवा आत्महत्या दर (30 वर्ष से कम आयु) 2016 के बाद से तेज़ी से बढ़ रही है. वर्ष 2021 में यह 4.9 प्रति लाख जनसंख्या तक पहुंच गई है. जो 25 वर्षों में सबसे अधिक है. जनसांख्यिकीय लाभांश के जनसांख्यिकीय आपदा में बदलने के संकट से निपटने के बजाय यदि मोदी सरकार युवाओं में आत्महत्या दर को छिपाने के लिए 2022 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में हेरफेर करने का अगला कदम उठाए तो हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

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Modi government should implement women’s reservation now, not after ten years – Rahul Gandhi https://www.delhiaajkal.com/modi-government-should-implement-womens-reservation-now-not-after-ten-years-rahul-gandhi/ https://www.delhiaajkal.com/modi-government-should-implement-womens-reservation-now-not-after-ten-years-rahul-gandhi/#respond Fri, 22 Sep 2023 15:52:20 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=2622

महिला आरक्षण को दस साल बाद नहीं, अभी से लागू करे मोदी सरकार- राहुल गांधी 

दिल्ली आजकल ब्यूरो,  दिल्ली 

22 सितंबर 2023

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार महिला आरक्षण को तुरंत लागू करे और जनगणना व परिसीमन की शर्त हटाई जाए. यूपीए सरकार ने जो जातिगत जनगणना की थी. उसके आंकड़े अभी जारी किए जाएं. नई जनगणना जाति के आधार पर की जाए. आबादी के हिसाब से ओबीसी को हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. यह हमारे ओबीसी भाई-बहनों का हक है. हमारी सरकार बनने पर जातिगत जनगणना करवाई जाएगी. इससे देश को पता चलेगा क‍ि ओबीसी, दल‍ित, आद‍िवासी क‍ितने हैं और उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी.

राहुल गांधी शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश भी मौजूद थे.  

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा ओबीसी जनगणना से ध्यान भटकाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक को वर्तमान स्वरूप में लाया गया है. जो तत्काल लागू नहीं हो सकता है.

राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन की शर्तों से महिला आरक्षण लागू होने में कई साल लगेंगे. जिसे आज से ही लागू किया जा सकता है. लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं को तुरंत दी जा सकती हैं. ये कोई जटिल मामला नहीं है. लेकिन मोदी सरकार यह नहीं करना चाहती. सच्चाई ये है कि यह आज से दस साल बाद लागू होगा. यह भी नहीं मालूम कि लागू होगा या नहीं होगा. इसके जरिए सरकार ओबीसी जनगणना से ध्यान भटकाना चाहती है.

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं. अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं तो केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ तीन सचिव ओबीसी से क्यों हैं? ओबीसी-दलित और जनजाति के ये सचिव देश के सिर्फ छः प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं. पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं. लेकिन उन्होंने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया है? 

राहुल गांधी ने एक भाजपा सांसद का हवाला दिया और कहा कि उन्हें एक भाजपा सांसद ने बताया था कि मोदी सरकार ने सभी ओबीसी सांसदों को केवल मूर्ति बनाकर रखा हुआ है और देश के लिए किसी भी फैसले में इन सांसदों को शामिल नहीं किया जाता है. ओबीसी सांसदों के पास पावर नहीं है. ओबीसी को मोदी सरकार कोई प्राथमिकता नहीं देती है.

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Will Modi government provide pension and health facilities to journalists? , What did the Principal DG of PIB say to the Press Association? https://www.delhiaajkal.com/will-modi-government-provide-pension-and-health-facilities-to-journalists-what-did-the-principal-dg-of-pib-say-to-the-press-association/ https://www.delhiaajkal.com/will-modi-government-provide-pension-and-health-facilities-to-journalists-what-did-the-principal-dg-of-pib-say-to-the-press-association/#respond Wed, 20 Sep 2023 18:01:55 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=2569

क्या मोदी सरकार देगी पत्रकारों को पेंशन और स्वास्थ्य सुविधा! , क्या कहा पीआईबी के प्रिंसिपल डीजी ने प्रेस एसोसिएशन से?

दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
20 सितंबर 2023

पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संस्था प्रेस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने पत्र सूचना ब्यूरो
( पीआईबी ) के प्रिंसिपल डीजी मनीष देसाई से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधियों ने उन्हें पत्रकारों की समस्याओं से भी अवगत कराया. इस प्रतिनिधिमंडल में प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके नायक, महासचिव संतोष ठाकुर , कोषाध्यक्ष लक्ष्मी देवी , उपाध्यक्ष आनंद मिश्र, कार्यकारिणी सदस्य अजय बुआ, असीम मनचंदा, जेएस गुप्ता और प्रेस एसोसिएशन के मुख्य चुनाव अधिकारी रहे अशोक टुटेजा शामिल थे.

प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके नायक और अशोक टुटेजा ने मनीष देसाई को उनके पद ग्रहण करने की बधाई देते हुए कहा कि Veteran श्रेणी के पत्रकारों के कार्ड रिन्यूअल के लिए 10 समाचार की क्लिपिंग मांगी गई है. यह भी एक महीने में देना है. जो कि इस श्रेणी के पत्रकारों के लिए इस समय उपलब्ध कराना मुश्किल है. ऐसे में इस बार इस नियम को लागू नहीं किया जाए. प्रेस एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने कहा कि प्रेस एसोसिएशन पत्रकारों की समस्याओं को लेकर संबंधित अधिकारियों से मिलता रहा है. लेकिन उस पर आगे कार्रवाई नहीं होती है. ऐसे में वह श्री देसाई से उम्मीद करते हैं कि वह पत्रकारों की बात को आगे पहुंचाते हुए उन पर कार्रवाई को भी सुनिश्चित करेंगे.

प्रेस एसोसिएशन के महासचिव संतोष ठाकुर ने कहा कि पत्रकारों को 60 वर्ष की उम्र के बाद सीजीएचएस कार्ड की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. ऐसे में PIB स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय के साथ बात करके पत्रकारों को आजीवन सीजीएचएस कार्ड उपलब्ध कराने की पहल करे. इसके लिए यह नियम बनाया जा सकता है कि जिस किसी पत्रकार के पास 10 या 15 साल लगातार पीआईबी कार्ड रहा है. उसे अगले 10 वर्ष की राशि लेते हुए आजीवन सीजीएचएस कार्ड की सुविधा दी जाए.

कार्यकारिणी सदस्य अजय बुआ और संतोष ठाकुर ने पीआईबी एक्रीडिटेशन के लिए रिलीविंग लेटर की बाध्यता को पूरी तरह खत्म करने की भी मांग की. उनका कहना था कि अगले संस्थान के जॉइनिंग लेटर के आधार पर ही पीआईबी कार्ड जारी करने की व्यवस्था की जाए.

पीआईबी के प्रिंसिपल डीजी मनीष देसाई ने प्रतिनिधियों की बात को ध्यानपूर्वक सुनते हुए उन्हें इस संबंध में अपना ज्ञापन देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन के आधार पर वह कार्यवाही को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वह इस संबंध में पहले की गई कार्रवाई की जानकारी भी हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि पीआईबी क्षेत्रीय और भाषाई समाचार पत्र वह मीडिया के साथ संवाद को गति प्रदान करना चाहता है. इसमें वह सभी पत्रकारों और उनके संगठन से सहयोग की भी अपेक्षा रखते हैं.

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Opposition is in a panic , soon it will collapes: TarunChugh  https://www.delhiaajkal.com/opposition-is-in-a-panic-soon-it-will-collapes-tarunchugh/ https://www.delhiaajkal.com/opposition-is-in-a-panic-soon-it-will-collapes-tarunchugh/#respond Mon, 04 Sep 2023 07:17:42 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=2377

Delhi Aajkal Bureau , Delhi
3 September 2023

BJP national general secretary Tarun Chugh said that the so-called INDIA conclave is a fake get together party which has no development agenda and only believes in aiming shots at prime minister Narendra Modi. 

Chugh said the group will soon collapse as there are more than a dozen PM candidates in it and their only target is to disturb the Modi government which has delivered number of welfare schemes for 140 crore Indians. 

Chugh said it’s a fractured group,  both, ideologically and politically.  But they are all opportunistics who are aiming at petty political gains.

Chugh said the Modi government has earned laurels on international level as much as within the country  for its visionary and progressive policies. 

The entire opposition is rattled by it and are giving a panic reaction. He said the Mumbai meet is also an expression of panic in the opposition. 

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