RWAs – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com Delhi Ki Awaaz Sat, 23 Dec 2023 06:14:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://i0.wp.com/www.delhiaajkal.com/wp-content/uploads/2022/11/Black-minimalist-michael-vescera-logo.png?fit=32%2C32&ssl=1 RWAs – Delhi Aaj Kal https://www.delhiaajkal.com 32 32 212602069  Isha Ambani joins Reliance’s ‘We Care, We Volunteer’ art & storytelling initiative  https://www.delhiaajkal.com/isha-ambani-joins-reliances-we-care-we-volunteer-art-storytelling-initiative/ https://www.delhiaajkal.com/isha-ambani-joins-reliances-we-care-we-volunteer-art-storytelling-initiative/#respond Sat, 23 Dec 2023 06:14:53 +0000 https://www.delhiaajkal.com/?p=3263

Delhi Aajkal Bureau, Delhi

21 December 2023

Over 900 children from disadvantaged communities in Mumbai had a special treat at Jio Presents Hamleys Wonderland™ for a day of excitement, joy and inspiration through stories. Facilitating the children’s activities and volunteering at the venue, was Isha Ambani who joined Reliance employee volunteers in cheering the children through the fun-filled events of the day that culminated with a storytelling session. The event with children marks over 75 days of Reliance Foundation’s ‘We Care, We Volunteer – Kahani Kala Khushi’, campaign where over 1,200 Reliance employees volunteered have engaged 16,000 underprivileged children from across 25 cities of India through storytelling and art. 

“The festive season is synonymous for all of us with spreading cheer among children. This year too, our colleagues from the Reliance family across India have been volunteering and sharing this joy with thousands of children by bringing to life the folktale culture of our beautiful country. We are encouraging children to express themselves creatively through stories and art. The excitement we saw among children across the country and here today was so infectious that it spurs us to continue this spirit of volunteering and inspire them to learn more, read more in an enjoyable atmosphere,” said Isha Ambani.

Reliance Foundation has been dedicatedly spreading joy among children from disadvantaged communities around this time of the year for over a decade now. This year, ‘We Care, We Volunteer – Kahani Kala Khushi’ has been an intensive effort to combine storytelling, culture and art for the children that the Foundation supports through numerous organisations. It was held in 25 cities, including Ahmedabad, Bhubaneswar, Chennai, Delhi, Jaipur, Hyderabad and Mumbai.

Volunteers engaged children by telling age-appropriate stories that helped them imaginatively discover India and creatively express their ideas, through art, up on being motivated by these stories. The stories covered festivals, folk and tribal stories and the stories had origins in their states. As the campaign aims to sustain their interest in art, art kits and material along with story books were also provided to the children. 

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Vasant Kunj JJ colony facing water shortage, South Delhi BJP MP Ramesh Bidhuri warns Kejriwal government https://www.delhiaajkal.com/vasant-kunj-jj-colony-facing-water-shortage-south-delhi-bjp-mp-ramesh-bidhuri-warns-kejriwal-government/ https://www.delhiaajkal.com/vasant-kunj-jj-colony-facing-water-shortage-south-delhi-bjp-mp-ramesh-bidhuri-warns-kejriwal-government/#respond Fri, 18 Nov 2022 02:47:45 +0000 https://delhiaajkal.com/?p=1433

दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली 16 नवंबर 2022

दक्षिण दिल्ली के बंसत कुंज सहित झुग्गी वस्तियों में भी सामने आया जल सकंट का मामला, सांसद रमेश बिधूड़ी ने जल बोर्ड को दिया अल्टिमेटम

दक्षिण दिल्ली के बंसत कुंज झुग्गी वस्तियों में भी भारी जल सकंट का मामला सामने आया है. लगभग एक सप्ताह से उपर से बंसत कुंज सहित दक्षिण दिल्ली के कई जगहों पर पानी नहीं आने की बात सामने आई है. इस मामले पर दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने एक प्रेसवार्ता कर दक्षिणी दिल्ली में काफी लंबे समय से चल रही पानी की किल्लत पर केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने पूछा कि सत्ता में आने से पहले जो केजरीवाल बार-बार कहते थे कि 24 घंटे दिल्ली को पानी देंगे. दिल्लीवासियों को टैंकर माफियाओं से मुक्ति दिलाएंगे. लेकिन वास्तविकता यह है कि पहले दिल्ली में टैंकरों की संख्या 892 थी. जो केजरीवाल शासन के आठ सालों में बढ़कर 1204 हो गई है.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि आज दिल्ली में 48 फीसदी ऐसे टैंकर चल रहे हैं. जिनमें जीपीएस नहीं है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के विधायक इसका फायदा उठाकर खुलेआम वसूली कर रहे हैं. संगम विहार के अंदर टैंकर मालिक ने आत्महत्या की थी. जिसके कारण केजरीवाल का एक विधायक प्रकाश जरवाल जेल भी जा चुका है. बिधूड़ी ने कहा कि पिछले आठ सालों में कोई नया ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा है. जबकि पानी की खपत जो पहले 900 एमजीडी थी. वह अब 1300 एमजीडी हो गई है. बिधूड़ी ने कहा कि साल 2015 से पहले जो जलबोर्ड 600 करोड़ रुपये सरप्लस में था. वह अब 57,895 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. यही कारण है कि कैग द्वारा लिखे गए 22 पत्रों का जवाब केजरीवाल सरकार की ओर से नहीं दिया गया. अगर जांच की जाती तो केजरीवाल सरकार की पैसे उगाही के कारनामों की पोल खुल जाती.

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि वसंत विहार की झुग्गियों एवं महिपालपुर के आसपास के क्षेत्रों में लोग 20 रुपये प्रति बाल्टी पानी खरीदने को मजबूर हैं. हमारी जानकारी अनुसार वहां के विधायक पहले गुजरात विधानसभा चुनाव और अब निगम चुनाव में टिकट वितरण में व्यस्त हैं. अगर अगले 48 घंटें में केजरीवाल सरकार ने दक्षिण दिल्ली की झुग्गीवस्तियों एवं गांवों में पानी की सप्लाई सुनिश्चित नहीं की तो भाजपा प्रदर्शन करेगी.

दक्षिण दिल्ली के बंसत कुंज झुग्गी वस्तियों में भी भारी जल सकंट का मामला सामने आया है. लगभग एक सप्ताह से उपर से बंसत कुंज सहित दक्षिण दिल्ली के कई जगहों पर पानी नहीं आने की बात सामने आई है. इस मामले पर दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने एक प्रेसवार्ता कर दक्षिणी दिल्ली में काफी लंबे समय से चल रही पानी की किल्लत पर केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने पूछा कि सत्ता में आने से पहले जो केजरीवाल बार-बार कहते थे कि 24 घंटे दिल्ली को पानी देंगे. दिल्लीवासियों को टैंकर माफियाओं से मुक्ति दिलाएंगे. लेकिन वास्तविकता यह है कि पहले दिल्ली में टैंकरों की संख्या 892 थी. जो केजरीवाल शासन के आठ सालों में बढ़कर 1204 हो गई है.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि आज दिल्ली में 48 फीसदी ऐसे टैंकर चल रहे हैं. जिनमें जीपीएस नहीं है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के विधायक इसका फायदा उठाकर खुलेआम वसूली कर रहे हैं. संगम विहार के अंदर टैंकर मालिक ने आत्महत्या की थी. जिसके कारण केजरीवाल का एक विधायक प्रकाश जरवाल जेल भी जा चुका है. बिधूड़ी ने कहा कि पिछले आठ सालों में कोई नया ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा है. जबकि पानी की खपत जो पहले 900 एमजीडी थी. वह अब 1300 एमजीडी हो गई है. बिधूड़ी ने कहा कि साल 2015 से पहले जो जलबोर्ड 600 करोड़ रुपये सरप्लस में था. वह अब 57,895 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. यही कारण है कि कैग द्वारा लिखे गए 22 पत्रों का जवाब केजरीवाल सरकार की ओर से नहीं दिया गया. अगर जांच की जाती तो केजरीवाल सरकार की पैसे उगाही के कारनामों की पोल खुल जाती.

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि वसंत विहार की झुग्गियों एवं महिपालपुर के आसपास के क्षेत्रों में लोग 20 रुपये प्रति बाल्टी पानी खरीदने को मजबूर हैं. हमारी जानकारी अनुसार वहां के विधायक पहले गुजरात विधानसभा चुनाव और अब निगम चुनाव में टिकट वितरण में व्यस्त हैं. अगर अगले 48 घंटें में केजरीवाल सरकार ने दक्षिण दिल्ली की झुग्गीवस्तियों एवं गांवों में पानी की सप्लाई सुनिश्चित नहीं की तो भाजपा प्रदर्शन करेगी.

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नितिन गडकरी की सलाह, छोटी कार के लिए भी सुरक्षा के अंतर्राष्ट्रीय मानक अपनाएं कंपनियां https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-%e0%a4%9b%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-%e0%a4%9b%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95/#respond Wed, 02 Nov 2022 20:59:39 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1267

संदीप जोशी, दिल्ली
15 सितंबर 2022

केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वाहन निर्माता कंपनियों को कहा कि वह छोटी कार चलाने वालों के जीवन को लेकर भी कुछ सोचने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि छोटी कारों में भी सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानक अपनाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भारत से सभी वाहन 6 एयर बैग के साथ निर्यात किए जाते हैं. ऐसे में घरेलू बाजार में इस तरह की सुविधा देने को लेकर उनके बीच संकोच क्यों हैं. उन्होंने कहा कि छोटी कार चलाने वालों का जीवन सुरक्षित करने के लिए वह कार निर्माता कंपनियों से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं. गडकरी ने यह भी कहा कि अक्टूबर से 8 सीट वाली कार में 6 एयर बैग देने अनिवार्य होंगे. उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 5 लाख सड़क घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है. अगर प्रतिदिन का औसत निकाला जाए तो यह 426 मौत प्रतिदिन या 18 मौत प्रति घंटे होती है. इसे रोकने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा मानक अपनाने चाहिए. वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों की संस्था एकमा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर छोटी कार को लेकर  विशेष कदम उठाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पुराने वाहन को स्क्रैप कराने वाले लोगों को विशेष रियायत देने की भी जरूरत है. अगर कोई बस या ट्रक स्क्रैप कराता है. उसे ₹50,000 से लेकर ₹1 लाख तक की छूट दी जा सकती है. इसी तरह से छोटे वाहनों के लिए भी विशेष छूट देनी चाहिए. इसकी वजह यह है कि इससे वाहन निर्माता कंपनियों को ही लाभ होगा. पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाला नई  गाड़ी खरीदेगा. उन्होंने कहा कि स्टील मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस तरह की छूट देने वाले वाहन कंपनियों को जीएसटी में रियायत देने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि एक पुराना ट्रक कई नई गाड़ियों के बराबर प्रदूषण फैलाता है. पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप होने से प्रदूषण पर भी प्रभावी रोक लगेगी. जबकि उनके कलपुर्जे का उपयोग अन्य गाड़ियों की मरम्मत या निर्माण में किया जा सकता है.

एक अन्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक आधारित सार्वजनिक वाहनों को बड़े स्तर पर चलाने की जरूरत है. जिससे निजी वाहनों को सड़क से हटाने में सहायता हासिल हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए लंदन ट्रांसपोर्ट मॉडल एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. उन्होंने कहा कि बस में व्यक्तिगत तरीके से टिकट लेने की जगह क्यूआर कोड या ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था की जाए. इससे सार्वजनिक बस चलाने में निजी कंपनियों का घाटा कम होगा. जिससे वह निजी बस संचालन में आगे आएंगे. गडकरी ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवा में निजी सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली – जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक मार्ग या E-way  बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है. जिससे दिल्ली से जयपुर के बीच की वाहन बिना किसी बाधा के आ जा सके.

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मल्टीनेशनल कंपनियों को स्वदेशी चुनौती:  बाबा रामदेव 5 साल में चार कंपनियों का आईपीओ लाएंगे https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b8/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b8/#respond Wed, 02 Nov 2022 20:49:21 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1260

संदीप जोशी, दिल्ली
16 सितंबर 2022

देश और दुनिया में योग तथा आयुर्वेद को पहचान दिलाने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव देश के अग्रणी कारोबारी बनने की दिशा में भी बढ़ रहे हैं.  पतंजलि फूड्स का मार्केट कैप 50000 करोड रुपए तक पहुंचाने के उपरांत बाबा रामदेव ने अगले 5 साल में चार नई कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का ऐलान किया है. यह कंपनियां पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि वैलनेस, पतंजलि मेडिसिन और पतंजलि लाइफस्टाइल होंगी. बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि फूड्स का कारोबार अगले 5 साल में एक लाख करोड़ रुपए के करीब होगा. इसके अलावा जो 4 नई कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध की जा रही है. उन कंपनियों का कारोबार भी एक लाख करोड़ रुपए प्रति कंपनी का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह से अगले 5- 7 साल में पतंजलि समूह की कंपनियों का टर्नओवर 5 लाख करोड़ रुपए होगा. उन्होंने कहा कि पतंजलि अगले 5-7 साल में 5 लाख प्रत्यक्ष रोजगार भी देगी.

पाम ऑयल- शिक्षा और वैलनेस

बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि अगले कुछ सालों में 15 लाख एकड़ भूमि पर पाम ऑयल के पेड़ लगाएगी. इससे अगले 40 वर्ष तक प्रति वर्ष 2000 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि इससे देश में खाद्य तेल में विदेशी निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा. इस समय खाद्य तेल बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है. उनकी परियोजना के क्रियान्वित होने से  खाद्य तेलों का आयात कम होगा. जिससे विदेशी मुद्रा भी बचेगी. उन्होंने इसके साथ ही अगले 5 साल में देश के अंदर एक लाख पतंजलि विद्यालय बनाने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा बोर्डों से मान्यता भी हासिल की जाएगी. बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी पर हमला करते हुए कहा कि इसके माध्यम से केवल किसी रोग पर तात्कालिक रोक लगाई जा सकती है. लेकिन किसी भी रोग को जड़ से आयुर्वेद ही खत्म कर सकता है. अगर सर्जरी की बात छोड़ दी जाए तो 98% रोगों पर आयुर्वेद प्रभावी है. उन्होंने और पतंजलि ने इसे साबित करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि भले ही एलोपैथी माफिया उनके खिलाफ तमाम तरह के प्रपंच करे. लेकिन आयुर्वेद और योग को निरोगता का विकल्प बनाने का उनका अभियान जारी रहेगा. वह अगले 5-7 साल में 1 लाख वैलनेस सेंटर खोलेंगे.

झूठा प्रचार , घिनौना षड्यंत्र

बाबा रामदेव ने कहा कि कुछ लोग , समूह और राजनीतिक दल उनसे व्यक्तिगत ईर्ष्या रखते हैं. वह इस बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं कि एक अनपढ़ माता-पिता का सरकारी स्कूल और गुरुकुल में पढ़ने वाला रामदेव इतनी बड़ी कंपनियों का संचालन कैसे करने लगा है. इस वजह से कभी उनके तो कभी पतंजलि समूह के उत्पाद को लेकर घिनौने षड्यंत्र -झूठे प्रचार किए जाते हैं. वह पहले इस तरह के प्रचार पर ध्यान नहीं देते थे. लेकिन इस बार झूठा प्रचार करने वाले करीब 100 लोगों के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं. बाबा रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड घनसाली में पतंजलि घी के खिलाफ एक षड्यंत्र हुआ. जिसमें इसे फेल करार दिया गया. जबकि पतंजलि का घी ऑस्ट्रेलिया के मानक पर खरा पाया गया. आखिर यह कैसे हुआ. उन्होंने कहा कि घनसाली उत्तराखंड में कुछ अधिकारियों ने उनके घी को फेल कर दिया. जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो घी की जांच गाजियाबाद की सरकारी लैब में की गई. जहां यह पास हो गया. जिससे यह साफ है कि कुछ खास अधिकारियों ने कुछ खास लोगों से मिलीभगत कर पतंजलि घी के खिलाफ षड्यंत्र किया था. इसमें किसी सरकार या सत्ताधारी पार्टी का हाथ नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार घी को लेकर केवल कुछ ही टेस्ट करती है. लेकिन पतंजलि अपने घी को लेकर 75 तरह के मानक पर जांच करती है. ऐसे में पतंजलि घी में कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि न केवल घी बल्कि कभी एलोवेरा तो कभी हमारे आंवला उत्पाद को लेकर भी झूठा प्रचार और षड्यंत्र किया जाता रहा है. लेकिन इसके बावजूद पतंजलि लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि उनसे नफरत रखने वाले लोगों ने तो यहां तक कहा कि बाबा ने विदेश में जाकर अपने घुटनों और पेट की आंत का ऑपरेशन करा लिया है. जबकि वह सभी को योग से ठीक करने का दावा करते हैं. इसी तरह से यह दुष्प्रचार भी किया गया कि बाबा रामदेव ने बाईपास सर्जरी कराई है. लेकिन झूठ बहुत दिन तक जिंदा नहीं रहता है. वह लगातार टीवी चैनल पर योग कर रहे हैं. जिससे उनके स्वास्थ्य की जानकारी स्वयं सार्वजनिक हो रही है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दवा माफिया, खाद्य माफिया और कई अन्य लोग सक्रिय हैं. लेकिन उन्होंने पिछले 50 साल में कभी भी प्रकृति के विधान और देश के संविधान का उल्लंघन नहीं किया है. यही वजह है कि उनका योग और पतंजलि के उत्पाद लगातार बढ़ रहे हैं. वह दुनिया के 80% आबादी को योग से ठीक करने के अपने लक्ष्य की दिशा में लगातार बढ़ते रहेंगे.

लंपी – काला धन

देश में जानवरों के बीच फैल रही लंपी बीमारी को लेकर उन्होंने कहा कि पतंजलि इस पर कार्य कर रहा है. जब भी इसका निदान मिलेगा. उसे पतंजलि सार्वजनिक करेगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के बीच भी हमने अपनी एक भी गाय को इससे मरने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना से लड़ने के लिए पतंजलि ने कोरोनील बनाई थी. उस समय भी पतंजलि पर लोगों ने सवाल उठाए थे. देश में काला धन वापस लाने के अपने अभियान को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने एक मुद्दा उठाया था. इसके लिए वर्ष 2009 से 2013 तक उन्होंने लगातार संघर्ष किया. जिसकी वजह से उस समय सत्ता में बैठे कुछ लोग उनके खिलाफ हो गए थे. उन्होंने इस मुद्दे पर अपना काम कर दिया है और इसे मुल्क के निजाम पर छोड़ दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि देश में कई तरह के विकास कार्य हो रहे हैं. कई मोर्चों पर बेहतर कार्य किया जा रहा है. ऐसे में वह स्वयं राजनीतिक मुद्दों से दूर रहकर पतंजलि के विस्तार कार्य करने में जुटे हुए हैं. उनका पहला और अंतिम लक्ष्य देश में लोगों को निरोग रखना और योग का विस्तार करना है. जिसके माध्यम से कई तरह की बीमारी को खत्म किया जा सकता है.

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इनकम टैक्स के पास नहीं फंसेगी जांच एजेंसियों की अर्जी https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%82%e0%a4%b8/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a4%82%e0%a4%b8/#respond Wed, 02 Nov 2022 20:42:03 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1248

संदीप जोशी, दिल्ली
2 मई 2022

इनकम टैक्स विभाग ने अपने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके पास विभिन्न जांच एजेंसियों से आने वाले अनुरोधों पर पंद्रह दिन के अंदर जवाब दिया जाए. इसका उददेश्य विभिन्न मामलों की जांच को तेजी प्रदान करने के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के साथ संबंधों को बेहतर बनाना है.

आयकर विभाग हर साल अपने अधिकारियों के लिए वार्षिक एक्शन प्लान बनाता है. यह निर्देश उसी का हिस्सा है. इसमें यह कहा गया है कि सीबीआई, पुलिस, प्रवर्तन निर्देशालय, सेबी के साथ ही सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेश्न आफिस की ओर से जब भी किसी मामले की जांच के लिए कोई ब्यौरा मांगा जाए. उस समय बिना किसी देरी के संंबंधित आयकर संबंधी ब्यौरा इन एजेंसियों को दिया जाए.

यह माना जा रहा है कि विभिन्न राज्य पुलिस बल और कई बार सीबीआई, सेबी की ओर से भी सामने आने वाली शिकायतें  जिसमें कहा जाता है कि आयकर विभाग उनको समय से जानकारी नहीं देता है. यह निर्देश उसी शिकायत से निपटने की कवायद है. आयकर विभाग यह चाहता है कि किसी मामले की देरी के लिए उसको जिम्मेदार न ठहराया जाए.

आयकर विभाग ने इसके लिए साथ ही अपने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि ऐसी जब्त संपत्ति जो जारी की जानी है. उनको 30 जून तक चिन्हित कर उनकी सूची जमा कराएं. एक अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग हर साल अपने अधिकारियों को यह बताता है कि उसे अगले साल क्या करना है. उसके लक्ष्य क्या है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नीति क्या रहनी चाहिए. इस निर्देश में कहा गया है कि आयकर विभाग के पास 31 मार्च तक आए सभी आवेदन पर 15 मई तक जानकारी साझा की जाए. इसके अलावा 1 अप्रैल के बाद आए सभी जानकारी मांगने संबंधी सभी आवेदन पर 15 दिन के अंदर जानकारी दी जाए.

आयकर विभाग देश के दस विभागों के साथ आयकर से संबंधित डाटा को साझा करता है. यह कार्य नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड, नेटग्रिड, के माध्य से किया जाता है. जिन विभागों के साथ यह साझा की जाती है. उसमें आईबी, सीबीआई, डीआरआई, गुप्तचर ब्यूरो, सीबीआईसी और जीएसटी विभाग शामिल हैं. एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न एजेसियों के साथ डाटा साझा करने का उददेश्य यह है कि इन एजेंसियों को समय से डाटा मिल जाए. जिससे वे कानूनी परिधि में कार्य करते रहें. 

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वाहनों की बैटरी में धमाकों को देखते हुए नई नीति पर विचार https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a7%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%8b/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a7%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%8b/#respond Wed, 02 Nov 2022 20:23:14 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1236

विनय कुमार, दिल्ली
21 अप्रैल 2022

देश में ई—वाहनों पर जोर दिया जा रहा है. इसकी दो मुख्य वजह बताई जा रही है. एक, इससे पर्यावरण बेहतर होगा. इसकी वजह यह है कि ई—वाहनों से प्रदूषण नहीं होता है. दो, यह किफायती होती है. जिससे लोगों का आवागमन पर खर्च कम होगा. लेकिन इस बीच ई—वाहनों की बैटरी में हुए धमाकों की घटना के बाद ई—वाहनों की बैटरी को लेकर नई नीति बनाने पर भी विचार कर रहा है.

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन बैटरी धमाकों को देखते हुए उस पर रिपोर्ट देने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है. मंत्रालय इस समिति की रिपोर्ट की प्रतिक्षा कर रहा है. लेकिन इसके साथ ही बैटरी को लेकर नई नीति बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. यह देखा गया है कि बैटरी मुख्य रूप से विदेशों से आयात की जा रही है. इनका निर्माण क्योंकि भारत की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर नहीं होता है. यही वजह है कि बैटरी के गर्म हो जाने और उसमें विस्फोट की घटना भी हो रही है.

इस अधिकारी ने कहा कि बैटरी के गर्म होने की समस्या को देखते हुए इस बात पर विचार किया जा रहा है कि बैटरी की गर्माहट से संबंधित नए नियम बनाए जाए. अगर विदेशों से भी बैटरी को आयात किया जाए तो उसके लिए भी यह नियम प्रभावी हो. इसके अलावा ई—वाहनों के लिए भारत में भी बैटरी उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है. अगर जरूरत हुई तो पहले से बाजार में आ चुके वाहनों की बैटरी बदलने को लेकर भी निर्णय किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए पहले उस समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है. जो बैटरी में हुए धमाकों की जांच करने के लिए गठित की गई है. 

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पर्यटन प्रेमियों के लिए उत्तराखंड टूरिज्म का आकर्षक कॉन्टेस्ट https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%89/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%9f%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%89/#respond Wed, 02 Nov 2022 19:59:36 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1230

30 September 2022

बृजेंद्र नाथ , नई दिल्ली

अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं, फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं और आपके पास दृश्यों को कैमरे की नजर से देखने की परख है तो आपके पास ईनाम जीतने का बढ़िया मौका है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) इस विश्व पर्यटन दिवस पर आपके लिए लाया है एक अनूठा अवसर. यूटीडीबी ने एक बहुत ही आकर्षक फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कॉन्टेस्ट का शुभारंभ किया है. इस कॉन्टेस्ट में पर्यटन प्रेमियों के पास आकर्षक नकद पुरस्कार जीतने का मौका है. इसके अलावा देश भर के ट्रैवल इन्फल्यूएंसर के लिए भी यूटीडीबी ने एक आकर्षक पहल की है. अब अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बनाने वाले ट्रैवल इन्फ्ल्यूएंसर अपना इंपैनलमेंट यूटीडीबी के साथ करा सकते हैं. जिन्हें बाद में उत्तराखंड घूमने का अवसर मिलेगा. 

फोटोग्राफ और वीडियोग्राफी के लिए पांच थीम तय किये गये हैं. बिल्डिंग एंड आर्किटेक्चर, नेचर एंड लैंडस्केप, पॉपुलर कल्चर, एडवेंचर, फ्लोरा एंड फॉना. उत्तराखंड में घूमते हुए आप इनमें से किसी भी थीम पर फोटोग्राफ खींच कर इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं. पहला पुरस्कार एक लाख रुपये का है. दूसरा पुरस्कार 75000 रुपये और तीसरा 50000 रुपये का है. इसके अतिरिक्त 25 सांत्वना पुरस्कार हैं. जिसमें प्रत्येक को 11000 रुपये मिलेंगे. कॉन्टेस्ट 30 नवंबर 2022 तक खुला है. कॉन्टेस्ट और रजिस्ट्रेशन की समस्त जानकारी इस लिंक https://uttarakhandtourism.gov.in/utdb-event के जरिए प्राप्त की जा सकती है.

अंग्रेजी के साथ साथ क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बनाने वाले इनफ्लुएंसर के लिए तीन थीम तय किये गये हैं. इनमें पहला उत्तराखंड के ऐसे डेस्टिनेशन जिनके बारे में लोग कम जानते हैं. दूसरा, उत्तराखंड के होमस्टे और तीसरा उत्तराखंड के एडवेंचर डेस्टिनेशंस. इसके लिए ट्रैवल इनफ्लुएंसर को यूटीडीबी में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इंपैनलमेंट हो जाने के पश्चात वो उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर परिचयात्मक भ्रमण अर्थात फैमिलियराइजेशन टूर का हिस्सा बनेंगे. जिसका सारा खर्च यूटीडीबी वहन करेगा. यूटीडीबी की योजना ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र के इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, यहां की लोक कलाएं, यहां की ग्रामीण संस्कृति, यहां की एडवेंचरस भू-पारिस्थितिकी, होमस्टे, अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव और पौष्टिक व्यंजनों की विशिष्टता को देश विदेश में पहुंचाने की है.

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कापसी ने अग्निवीरों को वरीयता देने का इरादा व्यक्त किया, प्रधानमंत्री की तारिफ की https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b5%e0%a4%b0/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b5%e0%a4%b0/#respond Wed, 02 Nov 2022 19:55:39 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1227

17 June 2022

संदीप जोशी, दिल्ली

सेना में युवाओं को अग्निवीर के रूप में भर्ती करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत करते हुए सेंट्रेल एसोसियेशन आफॅ प्राइवेट सिक्यूरिटी इंडस्ट्री ( CAPSI ) ने कहा है कि वह निजी सुरक्षा क्षेत्र में अग्निवीरों को अधिकारी के रूप में भर्ती करने में प्राथमिकता देगी.

इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में CAPSI के चैयरमेन  कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र को अनुभवी और ट्रेंड सुरक्षा अधिकारियों की बड़ी संख्या में जरूरत है. जिससे कॉरपोरेट क्षेत्र , सामुदायिक सुरक्षा योजना, सीआईएसएफ के साथ हाईब्रिड सुरक्षा व्यवस्था में पेशेवरों की नियुक्ति की जा सके. अग्निवीरों को बीआईएस स्टैंडर्ड के मुताबिक ट्रेंड करके उनको भविष्य के रोजगार के लिए तैयार किया जा सकता है. इस तरह के स्टैंडर्ड पर काम किया जा रहा है.

कुंवर विक्रम सिंह ने इस योजना को लाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक रणनीतिक कदम है. इससे एक ओर जहां हमारी रक्षा पंक्ति मजबूत होगी. वहीं दूसरी ओर, इससे युवाओं के बीच भी यह भावना मजबूत होगी कि उनको भी सुरक्षा कवच के रूप में शामिल किया जा सकता है. यह एक राष्ट्रीय योजना है. जिससे हमारे देश की सुरक्षा को पुख्ता करने वाली गेम चेंजर योजना होगी. यह देश में बड़े स्तर पर रोजगार सृजित करने वाली योजना बनेगी. इससे देश में एक नया सामाजिक आर्थिक वातावरण तैयार होगा. जो ग्रामीण और मध्यम वर्ग को लाभ देने वाली प्रभावी योजना होगी. जब अग्निवीर राज्य पुलिस में जाएंगे तो पुलिस केा पहले से ही अनुशासित सेवाकर्मी मिलेंगे.  कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि प्राइवेट सिक्यूरिटी क्षेत्र इस योजना को अपना पूरा समर्थन देती है. 

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अटल इनोवेशन मिशन के विस्तार को मंजूरी दी, दस हजार अटल टिंकरिंग, 101 अटल इन्क्यूबेशन सेंटर; 50 अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर स्थापित किए जायेंगे https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a4%b2-%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a4%b2-%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4/#respond Wed, 02 Nov 2022 19:47:12 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1182

8 April 2022

संदीप जोशी , दिल्ली

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को मार्च 2023 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है. एआईएम देश में एक नवाचार की संस्कृति और उद्यमशीलता से संबंधित इकोसिस्टम विकसित करने के अपने अभीष्ट लक्ष्य पर काम करेगा. एआईएम द्वारा यह काम अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा.

एआईएम द्वारा प्राप्त किए जाने वाले अभीष्ट लक्ष्य हैं

• 10,000 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना करना,

• 101 अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) की स्थापना करना,

• 50 अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआईसी) की स्थापना करना और

• अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज के माध्यम से 200 स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना।

उपरोक्त सेंटरों की स्थापना और लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने की इस प्रक्रिया में कुल 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्धारित बजट खर्च किया जाएगा.

अटल इनोवेशन मिशन को  वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2015 के बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप नीति आयोग के तहत स्थापित किया गया है. एआईएम का मुख्य उद्देश्य स्कूल, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और उद्योगों के स्तरों पर विभिन्न उपायों के माध्यम से देश भर में नवाचार और उद्यमिता का एक इकोसिस्टम बनाना और उसे बढ़ावा देना है. एआईएम ने बुनियादी ढांचे के निर्माण और संस्थानों निर्माण दोनों पर ध्यान केंद्रित किया है. जैसा कि निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है. एआईएम ने राष्ट्रीय और वैश्विक, दोनों स्तर पर नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम को एकीकृत करने की दिशा में काम किया है.

एआईएम ने नवाचार और उद्यमिता के मामले में सहक्रियात्मक सहयोग विकसित करने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए हैं. जिनमें रूस के साथ एआईएम– एसआईआरआईयूएस छात्र नवाचार विनिमय कार्यक्रम, डेनमार्क के साथ एआईएम– आईसीडीके (इनोवेशन सेंटर डेनमार्क) वाटर चैलेंज और ऑस्ट्रेलिया के साथ आईएसीई (इंडिया ऑस्ट्रेलियन सर्कुलर इकोनॉमी हैकाथॉन) शामिल हैं.

एआईएम ने भारत और सिंगापुर के बीच आयोजित एक इनोवेशन स्टार्टअप समिट, इन्स्प्रेन्योर, की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

 एआईएम ने रक्षा नवाचार संगठन, जोकि रक्षा के क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ खरीद को बढ़ावा दे रहा है, की स्थापना के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ भागीदारी की.

पिछले कुछ वर्षों में, एआईएम ने देश भर की नवाचार की गतिविधियों को एकीकृत करने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करने के लिए काम किया है. अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसने लाखों स्कूली बच्चों में नवाचार के प्रति रुचि पैदा की है. एआईएम समर्थित स्टार्टअप ने सरकारी और निजी इक्विटी निवेशकों से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है और कई हजार नौकरियां पैदा की हैं. एआईएम ने राष्ट्रीय हित के विभिन्न विषयों से संबंधित नवाचार की चुनौतियों का भी समाधान किया है. एआईएम के कार्यक्रमों में 34 राज्यों एवं केन्द्र – शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है. जिसका लक्ष्य नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम में अधिक से अधिक भागीदारी को प्रेरित करते हुए भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाना है.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जारी रखे जाने की मंजूरी मिलने के साथ, एआईएम के जिम्मे नवाचार से संबंधित एक ऐसा समावेशी इकोसिस्टम बनाने का एक और भी बड़ा दायित्व आ गया है. जिसमें नवाचार और उद्यमिता की गतिविधियों में संलग्न होना लगातार आसान होता जाए.

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वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी, पिछले दो वर्षों में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई  https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-2021-%e0%a4%9c/ https://www.delhiaajkal.com/%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-2021-%e0%a4%9c/#respond Wed, 02 Nov 2022 13:01:21 +0000 https://highfaz.com/delhiajkl/?p=1176

14 January 2022

संदीप जोशी , दिल्ली

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री  भूपेंद्र यादव ने आज भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार ‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021’ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने जारी की.

वन सर्वेक्षण के निष्कर्षों को साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश का कुल वन और वृक्षों से भरा क्षेत्र 80.9 मिलियन हेक्टेयर है जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 प्रतिशत है. वर्ष 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

भूपेंद्र यादव ने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्ष 2021 के मौजूदा मूल्यांकन से पता चलता है कि 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनों से पटा हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का ध्यान वनों को न केवल मात्रात्मक रूप से संरक्षित करने पर है बल्कि गुणात्मक रूप से इसे समृद्ध करने पर भी है.

प्रमुख निष्कर्ष

देश का कुल वन और वृक्षों से भरा क्षेत्र 80.9 मिलियन हेक्टेयर हैं जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 प्रतिशत है. 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसमें से वनावरण में 1,540 वर्ग किमी और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 721 वर्ग किमी की वृद्धि पाई गई है.

वन आवरण में सबसे ज्यादा वृद्धि खुले जंगल में देखी गई है, उसके बाद यह बहुत घने जंगल में देखी गई है. वन क्षेत्र में वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष तीन राज्य आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी), इसके बाद तेलंगाना (632 वर्ग किमी) और ओडिशा (537 वर्ग किमी) हैं.

क्षेत्रफल के हिसाब से, मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं. कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में, शीर्ष पांच राज्य मिजोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नगालैंड (73.90%) हैं.

17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वन आच्छादित है. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से पांच राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों जैसे लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 75 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं, जबकि 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव,असम,ओडिशा में वन क्षेत्र 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है.

देश में कुल मैंग्रोव क्षेत्र 4,992 वर्ग किमी है. 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव क्षेत्र में 17 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि पाई गई है. मैंग्रोव क्षेत्र में वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष तीन राज्य ओडिशा (8 वर्ग किमी), इसके बाद महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी) और कर्नाटक (3 वर्ग किमी) हैं.

देश के जंगल में कुल कार्बन स्टॉक 7,204 मिलियन टन होने का अनुमान है और 2019 के अंतिम आकलन की तुलना में देश के कार्बन स्टॉक में 79.4 मिलियन टन की वृद्धि हुई है. कार्बन स्टॉक में वार्षिक वृद्धि 39.7 मिलियन टन है.

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