दिल्ली आजकल ब्यूरो, दिल्ली
22 दिसंबर 2024
दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ( NSD ) के सम्मुख सभागार में मिथिला महोत्सव 8 का आयोजन हुआ. जिसमें बाबा नागार्जुन की जीवनी और उनके साहित्य एक व्यापक परिचर्चा आयोजित की गई. मैथिल पत्रकार ग्रुप, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और मैथिली-भोजपुरी अकादमी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में साहित्यकारों, पत्रकारों और राजनीतिक नेताओं ने बाबा नागार्जुन की साहित्यिक धरोहर और समाज में उनके योगदान पर अपने विचार साझा किए.
कार्यक्रम में बाबा नागार्जुन की लिखी हुई कविताओं का पाठ किया गया. इसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार झा, नरेंद्र नाथ , रहमतुल्लाह , काजल लाल, संजीव सिन्हा, प्रतिभा ज्योति , सुजीत ठाकुर, क्रांति संभव , सुभाष चंद्र, रोशन कुमार और स्कूली छात्रा प्रत्यूषा ने भागीदारी की. इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी प्रकाश झा ने भी बाबा नागार्जुन की कविताओं को अपनी विशेष प्रस्तुति से जीवित किया।.
परिचर्चा में भाग लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्रनाथ, सुजीत ठाकुर, सुभाष चंद्र , रहमतुल्लाह और रौशन झा ने बाबा नागार्जुन की जीवनी पर चर्चा की. सभी वक्ताओं ने बाबा नागार्जुन की साहित्यिक और समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण और लेखन के विविध पहलुओं पर विचार साझा किया.
इसके साथ ही, कार्यक्रम के दौरान साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त महेंद्र मलांगिया और मैथिली भोजपुरी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नीरज पाठक को भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर रौशन झा द्वारा लिखित और प्रकाश झा द्वारा निर्देशित बाबा नागार्जुन की जीवनी पर आधारित नाटक का शानदार मंचन हुआ.
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय मयूख और कांग्रेस के नेता प्रणव झा ने भी बाबा नागार्जुन पर अपने विचार साझा किए. दोनों नेताओं ने मिथिला और पूर्वाञ्चल की सांस्कृतिक धरोहर और भाषा को बढ़ावा देने की बात की. उन्होंने इस क्षेत्र की संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व पर बल दिया और कहा कि बाबा नागार्जुन की साहित्यिक धरोहर से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है.
मैथिल पत्रकार ग्रुप के अध्यक्ष संतोष ठाकुर ने सभी गण्यमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मिथिला और मैथिली को बढ़ावा देने के लिए पत्रकारों का यह ग्रुप हमेशा तैयार रहता है और साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है. जिससे समाज में जागरूकता बढ़ सके.
बाबा नागार्जुन का साहित्य विशेष रूप से समाज के विभिन्न पहलुओं, खासकर पिछड़े और दबे-कुचले वर्गों की समस्याओं पर केंद्रित था. उनकी कविताओं और रचनाओं में समाज की गहरी संवेदनाएँ और सशक्त आवाज़ सुनाई देती है. उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से न केवल समाज के शोषित वर्ग की पीड़ा को उजागर किया, बल्कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए भी आवाज़ उठाई. उनका काव्य संसार आम आदमी की जिंदगी, उसकी परेशानियों, संघर्षों, उम्मीदों और उसके सपनों से गहरे रूप में जुड़ा हुआ है। बाबा नागार्जुन की रचनाएँ समाज की बुराइयों, असमानताओं और मानवीय संवेदनाओं की गहरी छाया को दर्शाती हैं.
उनकी प्रमुख कविताओं और संग्रहों में युगधारा (1953), सतरंगे पंखों वाली (1959), प्यासी पथराई आँखें (1962), तालाब की मछलियाँ (1974), तुमने कहा था (1980), हजार-हजार बाँहों वाली (1981) और पुरानी जूतियों का कोरस (1983) जैसी काव्य-रचनाएँ शामिल हैं. जिन्होंने समाज में बदलाव की चेतना पैदा की. इसके अलावा, भस्मांकुर (1970) और भूमिजा जैसी प्रबंध काव्य-रचनाएँ भी बाबा नागार्जुन के साहित्यिक योगदान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
उनके उपन्यास जैसे रतिनाथ की चाची (1948), बलचनमा (1952), नयी पौध (1953), और गरीबदास (1990) उनके समाजवादी दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं, जबकि हिमालय की बेटियाँ जैसे निबंधों ने उनके विचारों को और भी स्पष्ट रूप से सामने लाया. बाबा नागार्जुन ने हमेशा समाज के हर तबके की समस्याओं और उसके संघर्षों को अपनी लेखनी में गहराई से समाहित किया. जिससे उनका साहित्य आज भी अत्यंत प्रासंगिक और प्रेरणादायक बना हुआ है.
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29 दिसंबर 2023
बच्चन प्रसाद सर्वोदय कन्या विद्यालय , देवली के एनएसएस के छात्राओं द्वारा दाखिला रैली का आयोजन कराया गया. रैली का उद्देश्य समाज मे सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने के प्रति जागरुकता फैलाना था. समारोह का आयोजन डी.डी.ई साउथ डिस्ट्रिक्ट डॉ. अशोक कुमार त्यागी, डी. डी.ई (जोन -24) डॉ. सी.एस वर्मा, प्रधानाचार्या श्रीमति प्रतिभा शर्मा , ज्योति कालरा (दक्षिण ज़िला समन्वयक) तथा शबनम (देवली संकुल समन्वयक) के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ.
समारोह को सफल बनाने में शिक्षकों की मेहनत तथा छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा. जिन्होने रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे जोश के साथ नारे लगाये – कभी ना करना ऐसी भूल, सब बच्चों को भेजो स्कूल. आओ मिलके हाथ बढ़ायें, दाख़िला रैली को सफल बनायें. मिडडे मील हम खाएँगे , सरकारी स्कूल हम जाएँगे.
रैली के कार्यकर्ताओं ने संगम विहार एवं देवली के इलाक़ों में जाकर लोगों को सरकारी स्कूल के दाख़िले के बारे में बताया तथा लोगों को दाख़िले के जागरूक किया. यह अंत नहीं बल्कि एक शुरुआत है- एक खूबसूरत भविष्य के लिये- एक स्वर्णिम भारत के लिए. इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को सरकारी स्कूल में दाखिला से संबंधित विस्तृत जानकारी देने के साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि सरकार शिक्षा के लिए क्या-क्या सुविधा उपलब्ध करा रही है
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16 दिसंबर 2023
ऐसा माना जाता है कि विकास की पहली सीढ़ी शिक्षा है. एक शिक्षित समाज देश को नई दिशा प्रदान करता है. आज के दौर में तकनीकी शिक्षा का सबसे अधिक महत्व है. ऐसे में यदि देश के दूरदराज इलाकों में तकनीकी शिक्षा का केंद्र स्थापित किया जाए तो युवाओं की तकदीर बदल सकती है. कुछ ऐसा ही बिहार के एक गांव में हो रहा है.
यह दौर उन युवा साथियों की है. जो तकनीकी ज्ञान से लैस होंगे और हर क्षेत्र में पताका लहराएंगे. यदि आप बिहार की बात करेंगे तो महसूस करेंगे कि बड़ी संख्या में युवा तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए राज्य से बाहर पलायन करते आए हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित निजी तकनीकी विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में बिहार के छात्र-छात्राएं दाखिला लेते आए हैं. लेकिन कुछ लोग होते हैं. जो अपनी माटी की बेहतरी के लिए बड़ा दांव लगाते हैं. ऐसे ही शख्सियतों में एक हैं डॉ.संदीप झा.
ग्रामीण अंचल में शिक्षा संबंधी आधारभूत संरचना की कमी के कारण गांव के छात्र-छात्राओं को तकनीकी पढ़ाई के लिए अलग-अलग महानगरों की रुख करना पड़ता है. बिहार के मधुबनी जिला स्थित सिजौल जैसे अति पिछड़े क्षेत्र की भी यही कहानी थी. लेकिन डॉ. संदीप के प्रयास से एक बड़ा बदलाव दिखने लगा है.
डॉ. संदीप ने बिहार के मधुबनी जिला में तकनीकी शिक्षा का एक शानदार केंद्र स्थापित किया है. गौरतलब है कि संदीप यूनिवर्सिटी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली पर आधारित सूबे का एक मात्र निजी विश्वविद्यालय है. जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता मिली हुई है. यह विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान किये जाने को प्रतिबद्ध है.
मिथिला के एक ग्रामीण इलाके में एक निजी विश्वविद्यालय की शुरुआत कर डॉ.संदीप ने युवाओं के लिए एक नया रास्ता खोल दिया है. जहां से उनके लिए तकनीकी दुनिया के सारे रास्ते दिखने लगे हैं. इस विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक शिक्षा तो मिलती ही है. साथ ही, जॉब प्लेसमेंट की भी व्यवस्था है.
प्राचीन काल में भी बिहार शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था. चाहे वह नालंदा विश्वविद्यालय हो या फिर विक्रमशिला विश्वविद्यालय हो. ये सभी दुनिया भर में प्रसिद्ध थे. ऐसे में डॉ. संदीप ने बिहार के सुदूर इलाके में विश्वविद्यालय की शुरुआत कर बिहार की प्राचीन परंपरा को ही आगे बढ़ाने का काम किया है.
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13 दिसंबर 2013
थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) और फ्रेडरिक न्यूमन फाउंडेशन (एफएनएफ) का मानना है कि समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) को बढ़ावा देकर देश में आर्थिक प्रगति और रोजगार के नए आयाम स्थापित किये जा सकते हैं. इस उद्देश्य के तहत राजधानी दिल्ली में ‘साउथ एशियन ब्लू करिकुलम फॉर मॉडर्न एजुकेशनः इंडिया एंड बिम्स्टेक राउंडटेबल’ सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में भारत, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड, भूटान, बांग्लादेश, तिब्बत आदि बिम्स्टेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमी कोऑपरेशन) के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने विचार विमर्श किया और स्कूली छात्रों के लिए ब्लू करिकुलम विकसित करने पर सहमति जताई. इस दौरान दिल्ली सरकार के मुख्य शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा, एनसीईआरटी के शैक्षणिक सर्वेक्षण विभाग की प्रमुख डा. इंद्राणी भादुड़ी, यूनेस्को के शिक्षा विशेषज्ञ जॉयसी पोअन, वर्ल्ड बैंक के सलाहकार संजय गुप्ता, सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एजुकेशन की डायरेक्टर डा. संस्कृति मेनन, सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के सीईओ डा. अमित चंद्रा व विभिन्न स्कूलों के शिक्षाविदों ने अपनी राय रखी.
नई दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन होटल में आयोजित राउंडटेबल को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्य शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार स्कूल करिकुलम में रिफॉर्म के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि सीसीएस और एफएनएफ द्वारा बिम्स्टेक देशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर ब्लू करिकुलम तैयार किये जाने के प्रयास की वह सराहना करते हैं और वे दिल्ली में इसे लागू करने की संभावनाओं पर विचार करने को तैयार है.
फ्रेडरिक न्यूमन फाउंडेशन (एफएनएफ) के दक्षिण एशिया प्रमुख डा. कर्स्टन क्लेन ने महासागरों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हुए आर्थिक विकास के माध्यम तलाशने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि 7517 किमी लंबी तटरेखा के साथ एक समुद्री राष्ट्र के रूप में भारत एक अद्वितीय स्थान रखता है. समुद्र तट के 150 किमी के दायरे में रहने वाले 330 मिलियन लोगों और 72 तटीय जिलों में 18% आबादी के साथ, भारत का समुद्री महत्व निर्विवाद है. भारत का 95% व्यापार समुद्र से होता है. जो देश के आर्थिक परिदृश्य में समुद्री क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.
डॉ. क्लेन ने युवाओं, विशेष रूप से तटीय राज्यों के युवाओं को व्यापक संभावित अवसरों और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आसन्न चुनौतियों के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि लाखों छात्र, और युवा अपनी आजीविका के लिए समुद्री-संबंधित व्यवसायों पर निर्भर हैं. समुद्री संसाधनों का सतत दोहन करने, पर्यावरणीय लचीलेपन को बढ़ावा देने और बदलती जलवायु से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्हें ज्ञान और कौशल से युक्त करने की जरूरत है.
दिल्ली आजकल ब्यूरो , दिल्ली
12 दिसंबर 2023
CBSE ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की तारीख की घोषणा कर दी है.. दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी. कक्षा 10 की परीक्षाएं 13 मार्च को और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 2 अप्रैल को खत्म होगी.
10वीं कक्षा के बोर्ड के लिए 19 फरवरी 2024 को संस्कृत का पेपर होगा. उसके बाद 21 फरवरी को हिंदी, 26 फरवरी को अंग्रेजी और विज्ञान की परीक्षा 2 मार्च को होगी. गृह विज्ञान की परीक्षा 4 मार्च और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा के लिए 7 मार्च 2024 की तारीख निर्धारित है. गणित का पेपर 11 मार्च को और सूचना प्रौद्योगिकी की परीक्षा 13 मार्च को होगी.
CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि परीक्षा कार्यक्रम तैयार करते समय बोर्ड ने दो विषयों के बीच समय के पर्याप्त अंतर का ध्यान रखा है. साथ ही 12वीं कक्षा के लिए परीक्षा कार्यक्रम तय करते समय जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखों को ध्यान में रखा गया है.
सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होगी.
12वीं की पहला पेपर 15 फरवरी को होगा. इस दिन एंटरप्रेन्योरशिप, कैपिटल मार्केट ऑपरेशन, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और ककबरक या तिप्राकक या त्रिपुरी भाषा की परीक्षा होगी. जबकि 16 फरवरी को बायोटेक्नोलॉजी, नॉलेज ट्रेडिशन एंड प्रैक्टिस ऑफ इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नॉलॉजी, शार्टहैंड (इंग्लिश), शॉर्टहैंड (हिंदी), बैंकिंग, लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस, फूड न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स और अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन का पेपर होगा. 17 फरवरी को इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मणिपुरी, कथकली डांस, हॉर्टिकल्चर और डेटा साइंस ,19 फरवरी को हिंदी इलेक्टिव और हिंदी कोर की परीक्षा निर्धारित है. 20 फरवरी को फूड प्रोडक्शन, ऑफिस प्रोसीजर एंड प्रैक्टिस, डिजाइन और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर की परीक्षा, 21 फरवरी को हिंदुस्तानी म्यूजिक, ऑटोमोबाइल, हेल्थ केयर और कॉस्ट एकाउंटिंग, 22 फरवरी को इंग्लिश इलेक्टिव, इंग्लिश कोर की परीक्षा होगी.वही 23 फरवरी को रिटेल, वेब एप्लीकेशन, मल्टीमीडिया , 24 फरवरी को टाइपोग्राफी एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन, 26 फरवरी को टैक्सेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 27 फरवरी को केमेस्ट्री,28 फरवरी को फाइनेंशियल मार्केट मैनेजमेंट और मेडिकल डायग्नोस्टिक और 29 फरवरी को ज्योग्राफी की परीक्षा होनी है.
एक मार्च को योग, 4 मार्च को फिजिक्स,5 मार्च को हिंदुस्तानी म्यूजिक वोकल, 6 मार्च को पेंटिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर, एप्लाइड आर्ट, 7 मार्च को लीगल स्टडीज, टेक्सटाइल स्टडी, 9 मार्च को मैथमेटिक्स, एप्लाइड मैथमेटिक्स, 11 मार्च को नेशनल कैडेट कॉर्प,फैशन स्टडी, 12 मार्च को फिजिकल एजुकेशन, 13 मार्च को होम साइंस, 14 मार्च को भाषाई परीक्षा,15 मार्च को साइकोलॉजी, 16 मार्च को एग्रीकल्चर, मार्केटिंग, 18 मार्च को इकोनॉमिक्स,19 मार्च को बायोलॉजी, 20 मार्च को टूरिज्म, एयर कंडीशनिंग एंड रेफ्रिजरेशन, सेल्समैनशिप, 22 मार्च को पॉलिटिकल साइंस, 23 मार्च को एकाउंटेंसी, 26 मार्च को उर्दू, संस्कृत इलेक्टिव, मास मीडिया स्टडीज, 27 मार्च को बिजनेस स्टडी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, 28 मार्च को हिस्ट्री,30 मार्च को संस्कृत कोर की परीक्षा होगी.
एक अप्रैल को सोशियोलॉजी और 2 अप्रैल को इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिसेज, कंप्यूटर साइंस, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की आखिरी परीक्षा होगी.
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6 नवंबर 2023
रिलायंस फाउंडेशन ने अपनी प्रतिष्ठित स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए नौ क्षेत्रों में आवेदन मांगे गए हैं. आवेदन 17 दिसंबर 2023 तक खुले हैं. छात्रवृत्ति का उद्देश्य उभरती प्रतिभाओं को विश्व स्तरीय बनाना है.
डिजिटल, नवीकरणीय एंव न्यू एनर्जी और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास हो रहा है. रिलायंस फाउंडेशन की स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति का उद्देश्य भविष्य के भावी लीडर्स को आगे बढ़ाना है ताकी वे सभी के फायदे के लिए इन क्षेत्रों में नए इनोवेशन व सॉल्यूशन विकसित कर सकें.
रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार ने कहा, “भारत के युवा, चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में देश की प्रगति को आकार देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। रिलायंस फाउंडेशन स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति देश के सबसे प्रतिभाशाली युवा दिमागों की पहचान करेगी और उन्हें सशक्त बनाएगी जो समाज के लाभ के लिए बड़ा सोच सकते हैं, हरित सोच सकते हैं, डिजिटल सोच सकते हैं. भारत के विकास को शक्ति देने के लिए हर साल उत्कृष्टत लोगों का एक समूह बनाना हमारा लक्ष्य है.”
2020 से अब तक स्नातकोत्तर अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए 178 छात्रों को योग्यता-आधारित छात्रवृत्ति दी गई है. रिलायंस फाउंडेशन से छात्रवृत्ति प्राप्त ये छात्र, अब बेहतर भविष्य की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं. इन छात्रों के लिए छात्रवृत्ति एक ऐसा मंच साबित हुई है. जहां न केवल उनकी शैक्षिक योग्यता को तराशने का काम हुआ. साथ ही उन्हें उद्योगों के अग्रणी सलाहकारों तक पहुंचाया गया, कौशल हासिल करने में मदद की गई और वे सफलता के रास्ते पर मजबूती से कदम बढ़ा सकें.
छात्रवृत्ति के लिए चुने गए शीर्ष 100 छात्रों को 6 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. यह छात्रवृत्ति अध्ययन की पूरी अवधि व एक समग्र विशेष कार्यक्रम के लिए होगी. जिसमें विशेषज्ञों से बातचीत, उद्योगों का दौरा व प्रदर्शन और स्वयं काम करने के अवसर शामिल होंगे. छात्रों का चयन एक कठोर प्रक्रिया के बाद किया जाएगा. जिसमें आवेदन मूल्यांकन, योग्यता परीक्षण और प्रमुख विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार शामिल हैं.
रिलायंस फाउंडेशन स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति उन छात्रों की पहचान करेगी. जो उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता, अखंडता, सामुदायिक प्रतिबद्धता, विकास मानसिकता और साहस के गुणों को प्रदर्शित करेंगे. जो प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्र भारत में कंप्यूटर विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, गणित और कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिकल और/या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, रिन्यूएबल और न्यू एनर्जी, मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग और जीव विज्ञान में पूर्णकालिक पाठ्यक्रम कर रहे हैं. केवल वे ही आवेदन कर सकते हैं.
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2 नवंबर 2023
रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर एवं चेयरपर्सन नीता अंबानी के नाम पर बुधवार को मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में ‘नीता मुकेश अंबानी जूनियर स्कूल’ (NMAJS) की विधिवत शुरूआत हुई. यह जूनियर स्कूल, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (DAIS) परिसर के पास स्थित है. इस नए स्कूल का डिजाइन अत्याधुनिक है.
नीता अंबानी के नेतृत्व में वर्ष 2003 में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (DAIS) की स्थापना की गई थी. उस समय से यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है. केवल 20 वर्षों में DAIS को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों की लीग में पहुंच गया है. DAIS भारत में नंबर 1 इंटरनेशनल स्कूल और दुनिया के शीर्ष 20 IB स्कूलों में शामिल है. नया जूनियर स्कूल ‘NMAJS’ इसी उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है.
इस मौके पर फाउंडर एंड चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा, “हम चाहते थे कि DAIS एक हैप्पी स्कूल बने. जिसमें सीखना-सीखाना आनंददायक हो. जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमें गर्व होता है कि केवल दो दशकों में हम हजारों बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में बदलाव ला सके. आज मैं शिक्षा के नए मंदिर ‘NMAJS’ को मुंबई शहर और पूरे देश को समर्पित करते हुए सम्मानित महसूस कर रही हूं.’
वाइस चेयरपर्सन ईशा अंबानी ने कहा, “मेरी आदर्श और मेरी माँ ने DAIS की कल्पना एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्कूल के रूप में की थी. जिसका दिल, दिमाग व आत्मा भारतीय हो. इस स्कूल ने भारत में शिक्षा का चेहरा पूरी तरह से बदल दिया है. हमने बच्चों को 21वीं सदी के कौशल से लैस करने के व्यापक लक्ष्य के साथ, DAIS के मूलभूत सिद्धांतों पर NMAJS का निर्माण किया है.“
अंबानी परिवार, दोस्तों, शुभचिंतकों, छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति में नए NMAJS की वास्तु पूजा हुई. बताते चलें कि 1 नवंबर को ही नीता अंबानी का जन्मदिन भी होता है. NMAJS परिसर को विश्व-प्रसिद्ध आर्किटेक्ट, पर्किन्स एंड विल द्वारा डिजाइन किया गया है और लीटन (Leighton) द्वारा निर्मित किया गया है. NMAJS एक पूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्कूल होगा. जो आईबी प्राइमरी इयर्स प्रोग्राम (PYP) और मिडिल इयर्स प्रोग्राम (MYP) पाठ्यक्रम से लैस होगा.
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23 सितंबर 2023
तीन साल बाद हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित कर दिए गए. इस चुनाव में भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने तीन पदों पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) को एक पद हासिल हुआ है. एनएसयूआई के अभि दहिया ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एबीवीपी को उसकी शानदार जीत पर बधाई दी है.
डूसू चुनाव नतीजों में एबीवीपी के उम्मीदवार तुषार डेढ़ा को 23 हजार 460 मत मिले हैं. जबकि एनएसयूआई की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया को 20,345 वोट प्राप्त हुए हैं. वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के अभि दहिया को 22331 मत और एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को 20502 वोट मिले हैं. सचिव पद पर एबीवीपी की अर्पिता ने 24534 मतों के साथ जीत हासिल की है. इस पद पर एनएसयूआई की यक्षणा शर्मा को 11597 वोट मिले हैं. सह सचिव पद पर एबीवीपी के सचिन बैंसला ने 24955 मत पाकर जीते हैं. उनके मुकाबले एनएसयूआई के शुभम कुमार को 14960 वोट मिले हैं.
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22 सितंबर 2023
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में तीन साल बाद शुक्रवार को मतदान हुआ. कई दिनों से प्रचार में जुटे छात्र नेताओं का भाग्य बक्सों में बंद हो गया. छात्र संघ चुनाव के लिए दो पारियों में मतदान संपन्न कराया गया. सुबह की पारी के लिए मतदान की प्रक्रिया दोपहर 1 बजे खत्म हो गई. सायंकाल में चलने वाली कक्षाओं के छात्रों ने शाम 7 बजे तक अपना मत डाला. चुनाव के नतीजे शनिवार 23 सितंबर को जारी किए जाएंगे.
मतदान के दौरान कई स्थानों पर एबीवीपी और एनएसयूआई के समर्थकों के बीच नोंकझोंक भी हुई. मतदान के दौरान कुछ स्थानों पर पक्षपात के भी आरोप लगे हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की सांठ-गांठ से लक्ष्मी बाई कॉलेज समेत कई कॉलेजों में फर्ज़ी मतदान कराया गया है. हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार और मनगढ़ंत बताया है.
एनएसयूआई के छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से ABPV की कठपुतली बनकर रह गया है. एनएसयूआई के छात्रों ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव के दौरान यहां एनएसयूआई के प्रत्याशियों तक को कॉलेज के अंदर नहीं जाने दिया गया है. एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि यह चुनाव छात्र बनाम सरकार है. एनएसयूआई के नीतेश ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ज़बरदस्ती दूसरे पक्ष के समर्थन में मतदान करने का दबाव बना रहा है.
हालांकि, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस प्रकार के सभी आरोपों को झूठा करार दिया है. विद्यार्थी परिषद का कहना है कि छात्रों ने अपनी मर्जी से मतदान किया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी एनएसयूआई के आरोपों को खारिज कर दिया.
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12 सितंबर 2023
डूसू चुनाव में भी विपक्षी दलो के राष्ट्रीय गठबंधन इंडिया एलायंस का असर देखने को मिल सकता है. इसकी वजह यह है कि भाजपा से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद को हराने के लिए एनएसयूआई और वाम दलों की छात्र इकाइयो ने मिलकर चुनाव लड़ने का निश्चय किया है.
वाम दलों की छात्र इकाई से जुड़े एक नेता ने कहा कि फिलहाल सीटों पर फैसला नहीं हुआ है. लेकिन जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर हमारे मुख्य दल मिलकर भाजपा को रोकने का प्रयास कर रहे हैं. उसी तरह से हम दिल्ली विश्वविदयालय छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी को रोकने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. जल्द ही इसको लेकर फैसला हो सकता है.
इस बीच 22 सितंबर को होने वाले डूसू चुनाव के लिए किसी भी दल ने फिलहाल तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं. हालांकि कैंपस में सभी छात्र संगठनो ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है. एबीवीपी ने अपने संभावित 9 उम्मीदवारों का एक पैनल घोषित किया है. इसमें से चार को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव पद का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया जाएगा.
पिछले बार आम आदमी पार्टी की छात्र इकाइ सीवाईएसएस ने वाम दलों के छात्र संगठन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें उसे भारी पराजय देखनी पड़ी थी. इस बार सीवाईएसएस ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है. यह कहा जा रहा है कि कैंपस में निष्क्रियता और संगठन नहीं होने की वजह से उसने यह निर्णय किया है.
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